Ranchi Archdiocese
Menu
  • Home
  • About Us
    • Archdiocese At A Glance
    • Formal Prelates Of Ranchi
    • History
    • Vision & Mission
    • Archdiocesan Priests in Heaven(RIP)
  • Our Parishes
  • Directories
    • Archdiocesan Curia
    • Commissions & Secretaries
    • Institutes
    • Archdiocesan Priests
    • Archdiocesan Seminarians
    • Consecrated men & women
    • Major Superior
  • Church in Jharkhand
  • Useful Links
  • Resources
  • Media
    • Photo
    • Video
    • Media
  • Contact Us

NEWS AND EVENTS

  • Home
  • NEWS AND EVENTS

महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आइंद ने चमत्कारी ढोरी माता के तीर्थस्थल पर अर्पित किया मिस्सा बलिदान 

रविवार, अक्टूबर 27, 2024: आज रांची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आइंद बोकारो जिले के ढोरी में स्थित चमत्कारी ढोरी माता के तीर्थस्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने कोयले की खान से प्राप्त चमत्कारी ढोरी माता मरियम के दर्शन कर, वार्षिक तीर्थयात्रा के अवसर तीर्थयात्री विश्वासियों के लिए पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित किया। 

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी  चमत्कारी ढोरी माता के तीर्थस्थल पर वार्षिक तीर्थयात्रा का आयोजन किया गया जिसमे 10 हज़ार से अधिक की संख्या में विश्वासी शामिल हुए। मिस्सा के आरंभ होने से पहले ही हजारीबाग के धर्माध्यक्ष आनंद जोजो ने महाधर्माध्यक्ष एवं उपस्थित सभी लोगों का औपचारिक स्वागत किया। मिस्सा के दौरान महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आइंद अपने धर्मोपदेश में सभी तीर्थयात्रा पर आए विश्वासी को माता मरियम के जीवन के अनुसार अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि "हम माता मरियम के समान ही अपने परिवार के सदस्यों के प्रति साथ ही अन्य लोगों के जरूरत के प्रति संवेदनशील बनें। ऐसा करने से ही हम सच्चे अर्थ में एक दूसरे का साथ देते हुए स्वर्ग की ओर क़दम बढ़ाने वाले सच्चे तीर्थयात्री कहलाएंगे।" विश्वासी अपने जीवन में शांति प्राप्त करने, ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने, शारीरिक और आत्मिक चंगाई प्राप्त करने तथा अन्य मनोकामनाओं की प्राप्ति के इस तीर्थस्थल पर आते हैं। 
चमत्कारी ढोरी माता के तीर्थस्थल पर वार्षिक तीर्थयात्रा के समापन के अवसर पर रांची के महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आइंद के साथ हजारीबाग के धर्माध्यक्ष आनंद जोजो, 30 से अधिक पुरोहितगण, धर्म बंधुगण, धर्म बहनें एवं 10 हज़ार से अधिक विश्वासी मौजूद रहे । 

चमत्कारी ढोरी माता के तीर्थस्थल का संक्षिप्त इतिहास

सुबह 12 जून 1956 ई० की बात है कि श्री रूपा नामक सतनामी ने डोरी बेरमो खदान में कोयला तोड़ते समय कोयला में ही एक लकड़ी की मूर्ति पायी। खान मजदूरों को यह मूर्ति काली माई जैसी कोई देवी सी लगी। अतः उन्होने बड़े उल्लास के साथ उसे मजदूरों के कार्यालय में रखकर उसकी पूजा की।

किसी ने कहा कि यह मूत्तिं माँ मरियम की है। इस पर ख्रीस्तीय भाई लोग तथा स्वः फा० अल्बर्ट भरभराकन ने जाकर देखा। उन्होने सचमुच में पाया कि यह ख्रीस्तीय परम्परा और कला के अनुसार बनायी गई बालक येसु को गोद में ली हुई माँ मरियम की मूर्ति है। इसकी सूचना ढोरी कोलियरी के अधिकारियों को दी गई। इस पर उन्होंने मूर्त्ति को फादर के सुपूर्द कर दी। अतः एक वर्ष तक ढोरी मजदूर कार्यालय में रखने के बाद इसे सन 1957 के अक्टूबर को बड़े धूमधाम के साथ जारंगडीह के छोटे प्रार्थनालय में प्रतिष्ठत कर दिय गया। आज यह ढोरी की माता के नाम से सादर पुकारी जाती है।

श्री रूपा के कथनानुसार ढोरी माता ने उन्हें दर्शन देकर यह आदेश दिया कि उनके लिए एक सुन्दर प्रार्थनालय बनाया जाए, जहाँ पर उनकी भक्ति हो। अतः जारंगडीह में माँ की इच्छा पूरी हो गई। एक सुन्दर तीर्थालय बन गया है। जिसका उद्घाटन समारोह 30 अक्टूबर 1983 ई० को सम्पन्न हुआ। माँ के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के अंतिम शुक्रवार, शनिवार एवं रविवार को जारंगडीह तीर्थालय में समारोह मनाया जाता है।

Contact Us
  •  ⛪ Archbishop's House,
           P.B. 5, Dr. Camil Bulcke Path,
           Opposite to Indian Overseas Bank
            Ranchi, Jharkhand 834001
  •  📱 +91 90064 37066 
  •  ✉️ secretaryranchi@gmail.com

 

 

How To Reach
Explore
  • Home
  • About
  • Directories
  • Useful Links
  • Church In Jharkhand
  • Resources
  • Media
Follow us on

Copyright 2025 All rights reserved Ranchi Archdiocese || Powered By :: Bit-7 Informatics