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रांची: रांची महाधर्मप्रांत काथलिक  महिला संघ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक एकदिवसीय सम्मेलन  का आयोजन  एक सप्ताह पूर्व  उर्सुलाइन कान्वेंट आयोजित किया।

 

इस सम्मेलन में स्थानीय और धर्मप्रान्तीय  स्तर की महिलाएं एकत्रित हुईं और अपने अनुभव और विचारों का आदान-प्रदान किया। सम्मेलन के दौरान, महिलाओं ने  संयुक्त राष्ट्र  संघ दवारा घोषित विषय : 'महिलाएं शांति की बीज बोती और वार्तालाप को बढ़ावा देती  हैं' के साथ  समाज में उनकी भूमिका और महत्व पर चर्चा की  गयी।   वे महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज में उनके समान अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि व  वक्ता सिस्टर डॉक्टर सिस्टर मेरी ग्रेस टोप्पो अपने उद्बोधन में कहा हर महिला की छोटी- छोटी बातों में शांति का बीज बोना चाहि।  उन्होंने आगे कहा अपने अधिकार और न्याय पाने हेतु आपसी वार्तालाप को माध्यम बनाना चाहिए।  
प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ की अध्यक्ष श्रीमती रंजिता हेमब्रोम ने बताया कि उनके जीवन में उनकी माँ ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उनकी माँ की मेहनत, समर्पण और सहानुभूति ने ही उन्हें जीवन में सफलता की ओर आगे बढ़ने का मार्ग प्रदान किया है। श्रीमती हेमब्रोम ने आगे  कहा, "मेरी माँ ने मुझे जिम्मेदारी, साहस और संघर्ष का महत्व सिखाया है। उनका प्रेरणादायक उदाहरण हमेशा मेरे साथ रहता है।" वे अपनी माँ को उनके समर्पण, संघर्ष और संबलता के लिए सलामी देते हुए कहा कि उनकी माँ के साथ उनका सम्बंध एक गहरा और प्रेमपूर्ण है, जिसने उन्हें उनकी जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिए शक्ति प्रदान की है। माँ का मार्गदर्शन अपने भाई बहनों पर भी अच्छा रहा है जिसका प्रभाव यह हुआ की एक भाई इंग्लॅण्ड में डॉक्टर पद पैर रहकर अपनी सेवा दे रहा है।  अपना अनुभव साझा करते हुए कहा की सास के साथ भी मेरा रिश्ता माँ बेटी की तरहरहा है।
डॉक्टर इरा अनुपमा ने कहा, "महिलाओं और लड़कियों को अपने स्वास्थ्य के बारे में सजग और ध्यान देना चाहिए।"   उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं और लड़कियों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है और उन्हें इसे प्राथमिकता देनी चाहिए। वह उन्हें नियमित चेकअप, स्वस्थ आहार, व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में जागरूक करती हैं। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि खुद की देखभाल करना महिलाओं के लिए स्वतंत्रता और सशक्तिकरण का माध्यम है। सेक्स और उससे सम्बन्धी दुष्परिणाम के बारे भी सजग किया। 
 इस अवसर पर कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने भी  महिलाओं को प्रेरित किया और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए सलाह  दिया।
इस सम्मेलन के अंत में, सभी महिलाओं ने  संकल्प लिया कि वे समाज में अपनी स्थिति मजबूत करेंगी और महिलाओं के हित में काम करेंगे।  धन्यवाद ज्ञापन समिति की उपसभा नेत्री श्रीमती स्टेला सोय ने दिया।  समेलन को सफल बनाने में सिस्टर डोरोथी कुल्लू, श्रीमती लिली बरला , श्रीमती मार्था टोप्पो, श्रीमती फ्रांसिस्का खलखो, सुशीला तिग्गा, श्रीमती शोभा बरला का अहम् योगदान रहा ।

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